सुस्त अर्थव्यवस्था
सुस्त अर्थव्यवस्था इसी सप्ताह भारत सरकार ने जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद के नए आंकड़े जारी किए और इन आंकड़ों ने इस बात की पुष्टी कर दी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार ख़राब दौर से गुज़र रही है. मौजूदा तिमाही में जीडीपी 4.5 फ़ीसद पर पहुंच गई जो पिछले छह साल में सबसे निचले स्तर पर है. पिछली तिमाही की भारत की जीडीपी 5 फ़ीसदी रही थी. इस साल जुलाई में बजट पेश होने के बाद से सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ें देखने पर सवाल उठता है कि क्या सरकार के उठाए क़दम कारगर साबित हो रहे हैं? भारतीय रिज़र्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर में एक बार फिर कटौती कर दी है. केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को घोषित अपनी मुद्रा नीति में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.1प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है.इससे पहले सरकारी एजेंसी सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस (सीएसओ) ने भी बीते दिनों इस साल की दूसरी छमाही के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत बताई थी. अब आरबीआई ने इसका अनु